शुरुआत करने वाले लोगों के लिए टैक्स से जुड़ी कुछ मूलभूत बातें

सरकार विकास प्रोजेक्ट को फाइनेंस प्रदान करने के लिए आपकी वार्षिक इनकम का एक हिस्सा इनकम टैक्स के रूप में इकट्ठा करती है। पहली बार इनकम टैक्स को भरना टैक्स भरने वाले की ज़िंदगी में एक माइलस्टोन होता है। इसलिए, इनकम टैक्स की इस मुश्किल दुनिया को समझने वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स के मूलभूत सिद्धांतों को समझना आवश्यक है। अगर आप पहली बार टैक्स दे रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहाँ हम प्रमुख अवधारणाओं के साथ इनकम टैक्स से जुड़ी मूलभूत बातों को समझाते हैं।

आइए शुरुआत से प्रारंभ करते हैं: इनकम टैक्स क्या है?

इनकम टैक्स एक प्रकार का प्रत्यक्ष कर है जो व्यक्तियों और संस्थाओं पर उनके द्वारा अर्जित इनकम या लाभ के आधार पर लगाया जाता है। देश के कमाने वाले व्यक्ति कुछ लाभों, कानून और व्यवस्था, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, बुनियादी ढांचे आदि के बदले इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं।

इनकम टैक्स की गणना किसी व्यक्ति की इनकम के आधार पर स्लैब में की जाती है। उचित योजना के साथ, आपके टैक्स का बोझ कम या काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है, जिससे आप अपनी इनकम का ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सा अपने हाथ में रख सकते हैं।

‘फ़ाइनेंशियल वर्ष’ और ‘असेसमेंट वर्ष’ क्या हैं?

आईटी (IT) रिटर्न फाइलिंग के लिए फ़ाइनेंशियल वर्ष और असेसमेंट वर्ष को समझना बहुत ज़रूरी है।

फ़ाइनेंशियल वर्ष: इसे पिछला वर्ष भी कहा जाता है, फ़ाइनेंशियल वर्ष 12 महीनों का चक्र होता है जो चल रहे वर्ष के अप्रैल में शुरू होता है और अगले वर्ष मार्च में खत्म होता है। उदाहरण के लिए, चालू फ़ाइनेंशियल वर्ष अप्रैल 2023 में शुरू हुआ और मार्च 2024 में खत्म हो जाएगा। इनकम टैक्स की गणना करने के उद्देश्य से, यह टैक्स अप्रैल से मार्च तक निर्धारित किया जाता है, चाहे आपकी रोजगार शुरू करने की तारीख कुछ भी हो।

आइए एक उदाहरण के साथ इसे समझते हैं।

मान लीजिए कि आप अगस्त 2022 में एक कंपनी में शामिल हुए। इसलिए आपके पहले इनकम टैक्स वर्ष की गणना अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक की जाएगी। लेकिन आप पर अगस्त 2022 से मार्च 2023 तक टैक्स लगाया जाएगा।

इसलिए, फ़ाइनेंशियल वर्ष उस अवधि को दर्शाता है जिसके लिए टैक्स का भुगतान किया जाता है।

असेसमेंट वर्ष: यह पिछले वर्ष के बाद का फ़ाइनेंशियल वर्ष होता है जिसमें आप पिछले वर्ष के लिए अपने इनकम टैक्स विवरणी का आकलन करेंगे और फाइल करेंगे। इसलिए, फ़ाइनेंशियल वर्ष 2022–23 के लिए, असेसमेंट वर्ष 2023–24 है।

ऊपर दिए गए उदाहरण के आधार पर, आपका पिछला वर्ष 2022-23 है और आपका असेसमेंट वर्ष 2023-24 है।

फ़ाइनेंशियल वर्ष असेसमेंट वर्ष
वह वर्ष जिसके दौरान आपने इनकम अर्जित की है और उस पर टैक्स दिया। यह फ़ाइनेंशियल वर्ष के बाद का वर्ष होता है। किसी फ़ाइनेंशियल वर्ष में अर्जित इनकम पर असेसमेंट वर्ष में टैक्स लगाया जाता है।

इनकम जिस पर टैक्स का भुगतान करने की आवश्कता होती है

इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 के अंतर्गत इनकम के निम्नलिखित प्रकार हैं।

  1. सैलरी इनकम: इसमें आपकी सैलरी, भत्ते, छुट्टी नकदीकरण, बोनस और अन्य नकदी घटक शामिल हैं जिन्हें आप अपने नियोक्ता से संगठन को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्राप्त कर सकते हैं।
  2. घर या संपत्ति से इनकम: अगर आप अपनी खुद की प्रॉपर्टी को किराए पर देकर अपने घर से इनकम प्राप्त कर रहे हैं, तो इसे आपकी प्रॉपर्टी/घर से प्राप्त इनकम में शामिल किया जाता है।
  3. पूंजी लाभ से इनकम: पूंजी एसेट/इन्वेस्टमेंट्स जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड आदि को बेचने पर लाभ या हानि।
  4. किसी बिज़नेस या पेशे से इनकम: इसमें आपकी नौकरी के साथ बिज़नेस या पेशे से अर्जित इनकम, यदि कोई है, शामिल होती है।
  5. अन्य स्रोतों से आय: इसमें आपके सेविंग अकाउंट पर अर्जित इनकम, बैंक डिपॉज़िट पर ब्याज, उपहार आदि शामिल हैं।

टैक्स की कटौती

इनकम टैक्स की गणना करने के लिए कटौतियों की अवधारणा को समझना ज़रूरी है। कटौतियां आपकी टैक्स देनदारी को कम करने में मदद करती हैं, इसलिए आपकी अपनी जेब में ज़्यादा से ज़्यादा पैसा रहता है। कुल टैक्स योग्य इनकम की गणना ग्रॉस इनकम से सारी कटौतियों को घटाने के बाद की जाती है।

कुल टैक्स योग्य इनकम = ग्रॉस इनकम – कुल कटौती

कटौतियां जितनी ज़्यादा होंगी, आपकी टैक्स योग्य इनकम उतनी ही कम होगी।

टैक्स छूट

टैक्स छूट ऐसे मौद्रिक बहिष्कार हैं जो आपकी टैक्स योग्य इनकम को कम करने में मदद कर सकते हैं। छूट आपको आपक इनकम में से कुछ इनकम या पूरी इनकम को टैक्स से बाहर रखने की अनुमति देती है। ये आपको कुछ टैक्स राहत देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आपकी इनकम के केवल एक ही हिस्से की गणना की जाए।

मानक कटौती:

मानक कटौती एक विशेष फ़ाइनेंशियल वर्ष में आपके साथ काम करने वाले सभी नियोक्ताओं द्वारा अर्जित आपकी कुल सैलरी से एक समान कटौती है। दूसरे शब्दों में, यह आपके सभी नियोक्ताओं से अर्जित संचयी सैलरी पर एक समान कटौती है।

फ़ाइनेंशियल वर्ष 2023-24 के लिए ” ‘सैलरी’ शीर्षक के तहत टैक्स योग्य इनकम को ₹50,000 की मानक कटौती दी जाती है।

80सी के तहत राहत

सेक्शन 80सी के तहत, आप 80सी योग्य निवेश में निवेश करके अपनग्रॉस इनकम से वार्षिक ₹1,50,000 काट सकते हैं:

  • सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ़)
  • कर्मचारी भविष्य निधि
  • टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट
  • इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम
  • इंश्योरेंस प्रीमियम

टैक्स स्लैब

जब आप अपनी टैक्स योग्य इनकम की गणना कर लेते हैं, तो आप जिस टैक्स का भुगतान करना चाहते हैं, उसका अनुमान लगा सकते हैं।

टैक्स देने वाला अपनी इनकम और कटौतियों के आधार पर बजट 2020 में शुरू की गई पुरानी या नई टैक्स व्यवस्था को चुन सकते हैं। यहाँ दोनों टैक्स संरचनाओं के लिए टैक्स स्लैब दिए गए हैं।

पुरानी टैक्स व्यवस्था

इनकम टैक्स स्लैब इनकम टैक्स की दरें
₹2,50,000 तक शून्य
₹2,50,001 -5,00,000 5%
₹5,00,001–10,00,000 20%
>₹ 10,00,000 30%

नया टैक्स स्लैब

इनकम टैक्स स्लैब इनकम टैक्स की दरें
₹3,00,000 तक शून्य
₹3,00,000 – 6,00,000 ₹3,00,000 से ज़्यादा की इनकम पर 5%
₹6,00,000 – 900,000 ₹6,00,000 से ज़्यादा की इनकम पर ₹15,000+ 10%
₹ 9,00,000-12,00,000 ₹9,00,000 से ज़्यादा की इनकम पर ₹45,000+ 15%
₹12,00,000-15,00,000 ₹12,00,000 से ज़्यादा की इनकम पर ₹90,000+20%
>₹15,00,000 ₹15,00,000 से ज़्यादा की इनकम पर ₹1,50,000+30%

इसके अतिरिक्त, टैक्स योग्य इनकम पर गणना की गई इनकम राशि पर 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर लगाया जाता है।

निष्कर्ष

इनकम टैक्स की मूलभूत बातों को समझने से आपको आत्मविश्वास के साथ अपने फ़ाइनेंशियल दायित्वों को पूरा करने और आपको इनकम टैक्स दायित्वों की गणना करने में मदद मिलेगी। मुख्य अवधारणाओं और दायित्वों को समझना और उनका अनुपालन सुनिश्चित करता है और सूचित फ़ाइनेंशियल निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

इनकम टैक्स क्या है?

इनकम टैक्स सरकार द्वारा व्यक्तियों, बिज़नस और अन्य संस्थाओं द्वारा अर्जित इनकम पर लगाया जाता है और इनकम टैक्स डिपार्ट्मेंट द्वारा इकट्ठा किया जाता है इसकी गणना स्वीकार्य कटौतियों और छूटों की कटौती के बाद टैक्स योग्य इनकम के आधार पर की जाती है

भारत में इनकम टैक्स की गणना कैसे की जाती है?

लागू कटौतियों और छूटों की कटौती के बाद इनकम टैक्स की गणना की जाती है पुरानी और नई टैक्स व्यवस्थाओं में उल्लेखित सीमाओं के अनुसार टैक्स योग्य इनकम पर टैक्स लगाया जाता है

कटौतियां और छूट क्या हैं?

कटौतियां और छूट ऐसे उपबंध हैं जो टैक्स योग्य इनकम को कम करते हैं, जिससे सारी टैक्स देनदारी कम हो जाती है

मुझे अपना इनकम टैक्स रिटर्न क्यों फाइल करना चाहिए?

आईटी (IT) रिटर्न फाइलिंग आपको आपकी टैक्स देनदारी को पूरा करने में मदद करती है और आपकी इनकम से काटे गए टीडीएस (TDS) के लिए रिटर्न भी प्राप्त होता है