एक डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर कैसे ट्रांसफर करें

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और निवेश करना विशेष रूप से हाल ही के समय में लोकप्रिय हो गया है। डीमैट अकाउंट के बिना कोई भी सीधे स्टॉक का स्वामित्व प्राप्त नहीं कर सकता है।  इसलिए, कई निवेशक और व्यक्ति जो स्टॉक मार्केट में नए होते हैं, वे प्लेटफॉर्म पर व्यापक अनुसंधान करने से पहले अपनी ट्रेडिंग यात्रा स्टॉक ब्रोकर के साथ शुरू करते हैं। हालांकि, समय के साथ, कई निवेशक और ट्रेडर्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से अधिक की उम्मीद कर सकते हैं, जिससे उनको अधिक विशेषताएं और कार्यक्षमताओं की उम्मीद होती है।

डीमैट अकाउंट

अब, डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह काम करता है, लेकिन ट्रांज़ैक्शन में कैश के बजाय स्टॉक और बॉन्ड जैसे एसेट शामिल होते हैं।  डीमैट अकाउंट के साथ ट्रेडिंग को उन स्टॉक ब्रोकरों द्वारा चालू किया जाता है जो एनएसई (NSE)और बीएसई (BSE) के स्टॉक एक्सचेंजों में मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं। ऑनलाइन ट्रेडिंग के युग के साथ, विभिन्न ब्रोकर्स  विशेषताओं और उपकरणों से भरे हुए अपने अनोखे इंटरफेस के साथ अलग-अलग ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं, जो ट्रेडर्स को ट्रेडिंग पोजीशन में प्रवेश करने से पहले बाजारों का अध्ययन और विश्लेषण करने की अनुमति देते हैं। चूंकि ब्रोकर्स एक सेवा  प्रदान करते हैं, इसलिए वे सेवा के लिए शुल्क भी लगाते हैं जिसे ब्रोकरेज के रूप में जाना जाता है जो एक ब्रोकर से दूसरे ब्रोकर में भिन्न भिन्न हो सकती है।  इसके परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं का एक ब्रोकर से दूसरे ब्रोकर को शेयर ट्रांसफर करना असामान्य बात नहीं है क्योंकि वे महसूस कर सकते हैं कि किसी अन्य ब्रोकर द्वारा प्रदान की जा रही सेवाएं बेहतर हैं या लगाए जाने वाले शुल्क अधिक सस्ते हैं।

ट्रांसफर के कारण

कोई निवेशक एक डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर क्यों करता है, इसके दो प्राथमिक कारण होते हैं:

  • वे किसी अन्य ब्रोकर का विकल्प चुन रहे हैं – अगर अकाउंट होल्डर की वर्तमान आवश्यकताएं ब्रोकर से परिवर्तित होती हैं, तो वह  नए ब्रोकर को चुनता है और इसलिए डीमैट अकाउंट भी खोलता है। ऐसे मामले में पुराने डीमैट अकाउंट से नए अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करना भी आवश्यक होता है। यह विभिन्न कारणों सेहो सकता है जैसे कि:

छोटे ब्रोकरेज फीस, बेहतर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और सेवाएँ, जैसेगति और आसान ट्रांज़ैक्शन, सुरक्षा  वैल्यू एडेड सर्विसेज़ जैसी मार्केट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट

  • आपकेपास कई डीमैट अकाउंट हैं –

    1. यूज़र कई डीमैट अकाउंट रख सकता है और शेयरों के ट्रांसफर की आवश्यकता के कारण अब उन्हें एक ही डीमैट अकाउंट में मर्ज करना चाहता है।
    2. कई डीमैट अकाउंट होने के विपरीत, व्यक्ति के पास एक अकाउंट हो सकता है और ट्रेडिंग और निवेश संबंधी गतिविधियां अलग अलग के लिए नया डीमैट अकाउंट खोलना चाहता है।  कारण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन प्रक्रिया सभी के लिए समान होती है।

प्रत्येक मामले में, शेयरों का स्वामित्व एक ही नाम के अंतर्गत रहता है और इसलिए कोई लेन-देन शामिल नहीं होता है.

ट्रांसफर कैसे करें?

डीमैट अकाउंट के बीच शेयर ट्रांसफर करने के दो तरीके होते हैं – ऑनलाइन और ऑफलाइन।  हालांकि मैनुअल मोड अधिक लोकप्रिय है, लेकिन ऑनलाइन प्रोसेस तेजी से अपनी जगह बना रहा है। प्रक्रिया दोनों तरीकों के लिए थोड़ा अलग है.

ऑनलाइन मोड के लिए, आपको डिपॉजिटरी की साइट पर जाना होगा और खुद को रजिस्टर करना होगा। भारत में दो एनएसडीएल(NSDL) और सीडीएसएल(CDSL) डिपॉजिटरी हैं । डिपॉजिटरी वित्तीय संस्थान  होते हैं जो शेयरों को सुरक्षित रखने और उनके ट्रांसफर को सुविधाजनक बनाने के लिए  काम काम करते हैं।  रजिस्ट्रेशन के बाद, आपको एक फॉर्म भरना होगा और इसे डिपॉजिटरी प्रतिभागी द्वारा अप्रूव करवाना होगा। डीपीज (Dps) डिपॉजिटरी और इन्वेस्टर के बीच मध्यस्थ होते  हैं. डीपी (DP)  द्वारा वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी  होने के बाद, आपको अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी( id) में पासवर्ड मिलेगा। आप अपने अकाउंट को एक्सेस करने और एक डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करने के लिए पासवर्ड का उपयोग कर सकते हैं।  अगर ऑनलाइन प्रोसेस बहुत भ्रमित लगता है, तो आप अपने शेयर को मैनुअल रूप से ट्रांसफर कर सकते हैं.

शेयरों का मैनुअल/ऑफलाइन ट्रांसफर

एक डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयरों के मैनुअल ट्रांसफर करने के मामले में, कुछ विशेषताओं के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह जानना महत्वपूर्ण है कि ट्रांसफर किए जा रहे शेयर डिपॉजिटरी सिस्टम में रखे जाते हैं और सीडीएसएल (CDSL) या एनएसडीएल (NSDL) द्वारा होल्ड किए जाते हैं। शेयरों का स्वामित्व इनमें से किसी भी सेंट्रल डिपॉजिटरी के साथ रजिस्टर्ड होता है।

शेयरों का ट्रांसफर करने का तरीका उस डिपॉजिटरी पर निर्भर करता है जिसके साथ आपका ब्रोकर संबंधित है।  अगर अकाउंट होल्डर के मौजूदा और नए ब्रोकर दोनों एक ही डिपॉजिटरी से जुड़े हैं, तो शेयर का इंट्रा-डिपॉजिटरी ट्रांसफर (या ऑफ-मार्केट ट्रांसफर) होगा. अगर, मौजूदा और नए ब्रोकर अलग-अलग डिपॉजिटरी से जुड़े हैं, तो शेयरों का इंटर-डिपॉजिटरी ट्रांसफर होगा।

जब इंट्रा-डिपॉजिटरी ट्रांसफर या ऑफ-मार्केट ट्रांसफर किया जा रहा हो, तो अकाउंट होल्डर को डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप या डीआईएस बुकलेट का उपयोग करना चाहिए जो उनके डिपॉजिटरी प्रतिभागी (डीपी) द्वारा प्रदान की जाती है. इंट्रा-डिपॉजिटरी ट्रांसफर के मामले में, निम्नांकित चरणों का पालन करना आवश्यक होता है:

चरण 1 – ट्रांसफर किए जाने वाले शेयरों के नाम रिकॉर्ड करें। इसके अलावा, आईएसआईएन  नंबर को भी रिकॉर्ड किया जाना चाहिए, जिसमें आईएसआईएन (ISIN) या इंटरनेशनल सिक्योरिटीज़ आइडेंटिफिकेशन नंबर 12-अंकों का कोड होता है  जो फंड, इक्विटी, बॉन्ड, स्टॉक, डेट आदि जैसी सिक्योरिटीज़ की पहचान करने के लिए आवश्यक होता है। आईएसआईएन(ISIN)  नंबर सही तरीके से दर्ज करना आवश्यक होता है क्योंकि इसके आधार पर ट्रांज़ैक्शन प्रोसेस किए जाएंगे।

चरण 2 – अगले चरण के लिए, टार्गेट क्लाइंट की आईडी  रिकॉर्ड की जाती है। यह एक 16-कैरेक्टर कोड होता है जिसमें क्लाइंट की आईडी( id) और डीपी(DP)  की आईडी( id)  शामिल होती है। यह मूल रूप से नये डीमैट अकाउंट के लिए अनिवार्य होता है।

चरण 3 – यह एक महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि इसमें ट्रांसफर की विधि का चयन शामिल होता है।  अगर ट्रांसफर का तरीका इंट्रा-डिपॉजिटरी या ऑफ-मार्केट ट्रांसफर है, तो ‘ऑफ-मार्केट ट्रांसफर’ शीर्षक का कॉलम चुना जाना चाहिए।  अगर ट्रांसफर का तरीका इंटर-डिपॉजिटरी है, तो ‘इंटर-डिपॉजिटरी’ कॉलम चुना जाना चाहिए. इस विकल्प को चुनते समय सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।

एक बार जब डीआईएस  स्लिप भर जाती है, तो  कुछ अंतिम चरणों की आवश्यकता होती है:

चरण 4 – भरे गए और हस्ताक्षरित डीआईएस स्लिप को अकाउंट होल्डर के मौजूदा ब्रोकर या डीपी(DP) को सबमिट किया जाना चाहिए और उससे स्वीकृति रसीद प्राप्त करनी चाहिए।

मौजूदा ब्रोकर को पुराने डीमैट अकाउंट से आवश्यक शेयर ट्रांसफर करने और नए ब्रोकर को नए अकाउंट में शेयर प्राप्त करने में 3-5 कार्य दिवसों का समय लगेगा। वर्तमान ब्रोकर इस प्रक्रिया के लिए कुछ शुल्क ले सकते हैं, और दरें एक ब्रोकर से दूसरे ब्रोकर के मामले में में अलग-अलग हो सकती हैं।

शेयर का ऑनलाइन ट्रांसफर

अगर शेयरों के ऑनलाइन ट्रांसफर पर विचार किया जा रहा है, तो यह केवल सीडीएसएल का प्रयोग करके किया जा सकता है।  अकाउंट होल्डर को सीडीएसएल की वेबसाइट पर जाना होता और खुद को रजिस्टर कराना होता है।  एक बार ऐसा हो जाने के बाद, फॉर्म डीपी के पास जमा करना होता है। वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा करने के बाद, डीपी अकाउंट होल्डर को अपने भविष्य के ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाएगी। ये चरण निम्नलिखित हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है:

चरण 1 – एक बार जब सीडीएसएल (CDSL)की वेबसाइट (www.cdslindia.com) एक्सेस हो जाती है, ‘ऑनलाइन रजिस्टर करें’ लिंक चुनना होता है। इसके बाद, मेनू से ईएएसआईईएसटी(EASIEST) विकल्प चुनें (ईएएसआईईएसटी(EASIEST) से तात्पर्य इलेक्ट्रोनिक एक्सेस टु सेक्योरिटीज इन्फॉर्मेशन एंड एक्जिक्यूशन ऑफ सिक्योर्ड ट्रान्जेक्शन है)

चरण 2 – अगला चरण आवश्यक विवरण के साथ फॉर्म भरना  है। डीपी की आईडी  (अपने ब्रोकर की आईडी), अपनी बीओ आईडी (BO ID)(बेनीफिशियल ओनर, जो डीमैट अकाउंट होल्डर है), ईमेल, फोन नंबर आदि जैसे विवरण दर्ज करें। आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) प्राप्त होगा।  दिए गए बॉक्स में ओटीपी (OTP) दर्ज करें। आपका मोबाइल नंबर सत्यापित हो जाने के बाद, आपका रजिस्ट्रेशन 24-48 घंटों के भीतर पूरा हो जाएगा और आप डीमैट से दूसरे ऑनलाइन शेयर ट्रांसफर कर सकते हैं।

चरण 3 – एक बार जब फॉर्म भर जाता है, तो ‘प्रिंट फॉर्म’ का विकल्प चुना जाता है। फॉर्म प्रिंट हो जाने के बाद, इसे अकाउंट होल्डर के डीपी (DP) को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

चरण 4 – डीपी (DP) द्वारा फॉर्म की सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने के बाद, पासवर्ड अकाउंट होल्डर की ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा।

चरण 5 – प्रदान किए गए पासवर्ड का उपयोग करके, अकाउंट होल्डर लॉग-इन कर सकता है और आवश्यक शेयर ट्रांसफर करना शुरू कर सकता है।

शेयरों का ट्रांसफर निम्नलिखित विशेष परिस्थितियों में हो सकता है:

एक ही डिपॉजिटरी के बीच ट्रांसफर करें और कोई क्रेडिट देय नहीं है

यह एक बेहद आसान मामला होता है। अगर आपके पास वर्तमान ब्रोकर के साथ अपने अकाउंट पर देय क्रेडिट या डेबिट हैं, और आप उसी सेंट्रल डिपॉजिटरी के तहत ब्रोकर को ट्रांसफर कर रहे हैं, तो आप खुद ब्रोकरेज अकाउंट ट्रांसफर प्रोसेस शुरू कर सकते हैं और कोई अतिरिक्त अनुमति आवश्यक नहीं है.

विभिन्न डिपॉजिटरी के बीच ट्रांसफर

अगर आप अपने वर्तमान डिपॉजिटरी से भिन्न डिपॉजिटरी के साथ रजिस्टर्ड ब्रोकर को ट्रांसफर कर रहे हैं, तो आपको ब्रोकर के बीच शेयर ट्रांसफर करने के लिए अपने वर्तमान ब्रोकर को डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) सबमिट करना होगा. इस प्रोसेस में दो कार्य दिवस लग सकते हैं। इसके पूरा होने के बाद, आप ब्रोकर के साथ मौजूदा बंद कर सकते हैं और नए डीमैट अकाउंट के साथ ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। यह सुनिश्चित कर लें  कि आपने अपने पुराने ब्रोकर से डीमैट अकाउंट बंद करने की स्टाम्प की गई स्वीकृति प्राप्त कर ली है।

मार्केट में ओपन पोजीशन के साथ अकाउंट ट्रांसफर

यह एक बहुत ही सामान्य परिदृश्य है क्योंकि ओपन मार्केट पोजीशन से बाहर निकलने के साथ किसी के ब्रोकरेज अकाउंट ट्रांसफर प्रोसेस हर समय संभव नहीं है। इक्विटी के मामले में यह प्रोसेस बेहद आसान और परेशानी से मुक्त है।  आपके सभी ओपन पोजीशन आपके नए अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं। हालांकि, फ्युचर्स  और ऑप्शन्स (F&O) की स्थिति में, यह संभव नहीं भी हो सकता है।  इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप अपने अकाउंट को किसी अन्य ब्रोकर को ट्रांसफर करने से पहले किसी भी ओपन F&O पोजीशन को बंद कर दें।  अगर आपके अकाउंट में कोई डेबिट या क्रेडिट देय है, तो पहले इन्हें क्लियर करना होगा. डेबिट वे शुल्क होते हैं जो आपको अपने ब्रोकर को भुगतान करना होता है, और क्रेडिट ब्रोकर द्वारा आपको देय  कोई भी राशि होती है।  यह सुनिश्चित कर लें कि आपने भविष्य में किसी भी समस्या से बचने के लिए ब्रोकर से क्लियर किए गए डेबिट/क्रेडिट की स्वीकृति प्राप्त कर ली है।

देय क्रेडिट के साथ अकाउंट ट्रांसफर

यह आमतौर पर ब्रोकरेज अकाउंट ट्रांसफर प्रोसेस में सबसे जटिल परिस्थिति है।  यहां क्रेडिट का अर्थ आपको को कुछ भी देय होता है। यह या तो शेयर हो सकते हैं जिनके लिए आपने एक खरीदारी ऑर्डर दिया है, लेकिन उसे अभी तक आपके डीमैट अकाउंट में जमा नहीं किया गया है।  वैकल्पिक रूप से, इसका मतलब यह हो सकता है कि आपने कुछ शेयर बेचे हैं और आय अभी तक आपके डीमैट अकाउंट में जमा नहीं की गई है।  प्रत्येक मामले में, आपको ब्रोकरेज ट्रांसफर प्रक्रिया के बीच में ब्रोकर से कुछ प्राप्त करना होता है और इन्हें ब्रोकर द्वारा वापस रोक लिया जाता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए, आप 3 चरण का दृष्टिकोण नियोजित कर सकते हैं:

  1. चेक करें कि क्या आपके अकाउंट से आपके ब्रोकर का कोई ऋण देय है। संभव है कि ब्रोकर इन देय राशियों के कारण आपके क्रेडिट को वापस रोकसकता है। अगर ऐसा मामला है, तो अपने ब्रोकर को अपने क्रेडिट से इन बकाया राशि काटने के लिए अधिकृत करें।
  2. अगर, पिछले चरण से मामले का समाधान नहीं होता है, तो आपको अपने ब्रोकर को तत्काल प्रभाव के साथ किसी भी राशि या इक्विटी को क्रेडिट करने के लिए तुरंत एक पत्र लिखना चाहिए। अधिकांश मामलों में, ब्रोकर एक सप्ताह के भीतर आपका क्रेडिट ट्रांसफर कर देता है। इसके पूरा होने के बाद ही आपको अपना पुराना डीमैट अकाउंट बंद करना चाहिए।
  3. कभी कभार होने वाली घटना कि अगर आपके क्रेडिट को ब्रोकर द्वारा अभी भी प्रोसेस नहीं किया गया है, तो आप संबंधित स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई/बीएसई) (NSE/BSE) के साथ साथ आपके ब्रोकर से संबंधित डिपॉजिटरी (एनएसडीएल/सीएसडीएल) (NSDL)/CSDL) को लिखकर इस मामले को आगे बढ़ा सकते हैं। आप अंतिम समाधान के रूप में सेबी((SEBI) को लिखित शिकायत दर्ज करने पर भी विचार कर सकते हैं।

पहले के समय में, ब्रोकरेज अकाउंट के बीच मैनुअल ट्रांसफर का पालन ब्रोकर के बीच स्टॉक ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था।  इसमें  पूरी प्रोसेस के लिए लिए गए बढ़ता हुआ समय और मानव त्रुटि का बढ़ता हुआ जोखिम जैसी कई कठिनाइयां आतीं। इसलिए, वर्तमान   समय में, एनएससीसी(NSCC) (नेशनल सिक्योरिटीज़ क्लियरिंग कॉर्पोरेशन) ने ब्रोकरों के बीच, गलतियों को समाप्त करते हुए, शेयरों का आदान-प्रदान आसान बनाने और शीघ्र करने के लिए एक सॉफ्टवेयर सिस्टम विकसित किया जिसे (ACATS) एसीएटीएस(ACATS)  (ऑटोमेटेड कस्टमर अकाउंट ट्रांसफर सर्विस) कहा जाता है।  एसीएटीएस(ACATS)  सिस्टम स्टॉक, बॉन्ड, यूनिट ट्रस्ट, विकल्प, भविष्य, म्यूचुअल फंड, कैश और कई अन्य इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट के लिए ब्रोकरेज अकाउंट के बीच ट्रांसफर की सुविधा प्रदान कर सकता है।

हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि स्टॉकब्रोकर या फर्म दोनों को एनएससीसी-पात्र सदस्य या डिपॉजिटरी ट्रस्ट कंपनी के सदस्य बैंक होना आवश्यक है। .दोनों फर्म चाहे स्टॉक डिलीवर कर रही हो या फर्म स्टॉक प्राप्त कर रही हो, उनको एसीएटीएस सिस्टम का अनुपालन करना आवश्यक है।  यहां एसीएटीएस ट्रांसफर कार्य के माध्यम से प्रक्रिया दी गई है। विशेष रूप से, हर एसीएटीएस ट्रांसफर के लिए 4 प्रमुख चरण होते हैं।

चरण 1: आपके अपनी पसंद के नए स्टॉकब्रोकर के साथ ट्रांसफर इनिशिएशन फॉर्म भरने के साथ प्रक्रिया शुरू हो जाती है। आप या तो स्टॉकब्रोकर की वेबसाइट पर इस फॉर्म को ऑनलाइन प्राप्त सकते हैं या फोन कॉल के माध्यम से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

चरण 2: आपका नया स्टॉकब्रोकर ट्रांसफर शुरू करने के लिए कुछ नियम और प्रक्रियाओं के बारे में चर्चा करने के लिए आपके पुराने स्टॉकब्रोकर से संपर्क करता है।

चरण 3: ट्रांसफर की जानकारी के सत्यापन की प्रक्रिया आपके पुराने स्टॉकब्रोकर से शुरू होती है. वे या तो जानकारी में संशोधन कर सकते हैं या 3 कार्य दिवसों के भीतर उसे अस्वीकार कर सकते हैं।

चरण 4: इस प्रक्रिया का अंतिम चरण आपके अकाउंट का ट्रांसफर है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि सभी कागजी कार्यवाई सही है, आपके नए स्टॉक ब्रोकर को आपके अकाउंट का ट्रांसफर लगभग 7 कार्य दिवसों में पूरा होना चाहिए।

इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए, आपका पुराना स्टॉक ब्रोकर ट्रांसफर शुल्क ले सकता है। इसके अलावा, अपने अकाउंट या कागजी कार्यवाई में किसी भी विसंगति से बचना सुनिश्चित करें क्योंकि यह ट्रांसफर प्रक्रिया में आगे भी देरी कर सकता है।

 सुनिश्चित कैसे करें कि ट्रांसफर सफल हो गया है?

पहला एक्शन पॉइंट ट्रांसफर की प्रक्रिया को अच्छी तरह समझना होना चाहिए।  यह भी सलाह देने योग्य है कि नए स्टॉकब्रोकर से ट्रांसफर के संबंध में उसकी  आवश्यकताओं और नीतियों को सत्यापित करने के लिए संपर्क करें। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास मार्जिन अकाउंट है, तो नए स्टॉकब्रोकर से  ऐसे अकाउंट से संबन्धित  आवश्यकताओं के बारे में पूछना सर्वोत्तम है। इसके अलावा, ट्रांसफर संबंधी आवश्यक डॉक्यूमेंट और विवरण को सत्यापित करना लाभदायक होगा ताकि ब्रोकर के बीच शेयर के आदान-प्रदान की  की पूरी प्रक्रिया कठिनाइयों से मुक्त हो सके।

ब्रोकरों के बीच स्टॉक ट्रांसफर करने वाली चुनौतियां

एक स्टॉक ब्रोकर से दूसरे स्टॉक को ट्रांसफर करने के लिए, दोनों फर्मों के लिए एसीएटीएस सिस्टम का अनुपालन करना आवश्यक है। हालांकि, ऐसी कई प्रकार की सिक्योरिटीज़ हैं जो एसीएटीएस(ACATS)  सिस्टम का  अनुपालन नहीं करती हैं। उदाहरण के लिए, कई इंश्योरेंस कंपनियां वार्षिकी प्रदान करती हैं जो काफी सामान्य हैं। ये वार्षिकी एसीएटीएस (ACATS) सिस्टम के माध्यम से ट्रांसफर नहीं की जा सकती है। इस  प्रकार की सिक्योरिटीज़ के लिए ट्रांसफर की प्रक्रिया ब्रोकर के बीच स्टॉक ट्रांसफर करने के लिए शामिल प्रक्रिया से भिन्न होती है। आमतौर पर, वार्षिकी ट्रांसफर करने के लिए 1035 एक्सचेंज का उपयोग किया जाता है। यह एक ऐसा प्रावधान है जो इंश्योरेंस प्रोडक्ट पर टैक्स के बिना ट्रांसफर करने की अनुमति देता है।

इसके अलावा, व्यक्तियों के लिए जिनके पास कर्मचारी-प्रायोजित 401(K) है, अपनी वार्षिकी को ट्रांसफर करने में पूरी अन्य प्रक्रिया शामिल होगी।  इस प्रकार, जबकि एसीएटीएस सिस्टम ब्रोकरेज अकाउंट के बीच ट्रांसफर में मदद कर सकता है, जबकि जब अन्य प्रकार की सिक्योरिटीज़ की बात आती है, तब कुछ चुनौतियां होती हैं ।

इसके बजाय आपको अपने इन्वेस्टमेंट क्यों नहीं बेचना चाहिए?

कई व्यक्ति सुविधा की दृष्टि से अपने निवेश (और उन्हें ट्रांसफर नहीं) बेचते हैं। निवेश बेचने से आगे की सामान्य प्रक्रिया यह है कि पैसे निकालें और नए स्टॉकब्रोकर के साथ उसी स्टॉक में जमा करें।

हालांकि यह प्रक्रिया आसान और लाभदायक लग सकती है, लेकिन कई व्यक्ति पूंजीगत लाभ पर टैक्स के पहलू पर ध्यान देते हैं। अगर आपका उद्देश्य अपने ब्रोकरेज अकाउंट को एक स्टॉकब्रोकर से दूसरे स्टॉकब्रोकर में ट्रांसफर करना है, तो आपके इन्वेस्टमेंट को निकालने पर प्राप्त लाभ पूंजीगत लाभ की श्रेणी में होगा।  आपकेनिवेश से अर्जित लाभ पर टैक्स लगाया जाएगा. टैक्स के अलावा, आपको उसी इन्वेस्टमेंट को बेचते समय और री-पर्चेज़ करते समय भी कुछ फीस का भुगतान करना पड़ सकता है। इसलिए, अगर आपके लिए सुविधाजनक नहीं हैं और अपने वर्तमान ब्रोकर की सर्विसेज़ का लाभ नहीं उठा सकते हैं, तो अपने निवेश को बेचने के बजाय अपने अकाउंट को ट्रांसफर करना सबसे अच्छा है।

अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फंड कैसे ट्रांसफर करें?

ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, पहला कदम जो उठाना आवश्यक है, वह ट्रेडिंग अकाउंट बनाना है।  यह इसलिए होता है क्योंकि ट्रेडिंग अकाउंट में ऐसे फंड होते हैं जो ट्रेड के लिए पूंजी के रूप में कार्य करेंगे।  मुख्य रूप से अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के तीन अलग-अलग तरीके होते हैं।  ब्रोकर को भुगतान करने के लिए  कोई भी पेमेंट गेटवे, एनईएफ़टी/आरटीजीएस सुविधाएं या चेक/डीडी का विकल्प चुन सकता है.

  1. पेमेंट गेटवे के माध्यम से फंड का तुरंत ट्रांसफर

पेमेंट गेटवे ट्रांसफर के लिए प्रयोग जाने वाले सबसे आम तरीकों में से एक हैं।  कोई भी व्यक्ति  अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने के लिए  बैंक अकाउंट या डेबिट कार्ड का उपयोग कर सकता है। इस विधि के सबसे बड़े फायदों में से एक यह है कि फंड का ट्रांसफर तुरंत किया जाता है, और जब उनके अकाउंट डिपॉजिट किए गए क्रेडिट को दर्शाता है, तो व्यक्तिट्रेडिंग शुरू कर सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर ट्रांसफर के साथ, व्यक्ति को रु. 9 (साथ ही टैक्स) का शुल्क लगता है और अगर ट्रांसफर अक्सर किए जाते हैं, तो शुल्क काफी अधिक हो सकता है। यह ध्यान में रखना भी महत्वपूर्ण है कि, सेबी(SEBI) के नियमों के अनुसार, क्रेडिट या चार्ज कार्ड का उपयोग अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने के लिए नहीं किया जा सकता है, इस प्रक्रिया के लिए केवल डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग का उपयोग जा सकता है।

  1. एनईएफ़टी/आरटीजीएस/आईएमपीएस(NEFT/RTGS/IMPS) के माध्यम से फंड डिपॉज़िट करना

नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफ़टी) (NEFT)फंड ट्रांसफर के अधिक लोकप्रिय तरीकों में से एक है। आमतौर पर, एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने के लिए लगभग 2-3 घंटे का समय लगता है। हालांकि, अगर ट्रांसफर एक ही बैंक के दो अकाउंट के बीच किया जाता है, तो क्रेडिट तुरंत जमा किया जाता है।  ब्रोकर के अकाउंट में फंड ट्रांसफर करते समय अकाउंट को लाभार्थी के रूप में जोड़ा जाना चाहिए। एक बार भेजा हुआ पासवर्ड और ओटीपी (OTP) भर देने  के बाद  ट्रांसफर हो जाएगा। एनईएफ़टी का उपयोग कमोडिटी अकाउंट के साथ-साथ इक्विटी ट्रेडिंग अकाउंट में भी फंड ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है। ट्रांसफर या तो ऑनलाइन या एनईएफ़टी चेक जमा करके किया जा सकता है। दोनों प्रक्रियाओं के लिए एक ही समय की आवश्यकता होती है. एनईएफ़टी ट्रांसफर के दौरान कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है।रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) (RTGS) भी एनईएफ़टी (NEFT) ट्रांसफर के समान होता है  एकमात्र अंतर यह है कि आरटीजीएस (RTGS) का इस्तेमाल केवल रु. 2 लाख से अधिक के फंड ट्रांसफर के लिए किया जा सकता है। जबकि एनईएफ़टी (NEFT) और आरटीजीएस (RTGS)  जैसे ट्रांसफर केवल सामान्य बैंकिंग घंटों के भीतर (प्रातः 9:00 बजे. से सायं 6.00 बजे तक) किए जा सकते हैं। हालांकि, इन घंटों के बाद आईएमपीएस (IMPS) ट्रांसफर किया जा सकता है।आईएमपीएस (IMPS)  ट्रांसफर तुरंत होता है लेकिन इस सुविधा के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है।

  1. चेक या डिमांड ड्राफ्ट के अनुसार फंड जमा करना

केवल ऑफलाइन ट्रेडिंग अकाउंट के मामले में चेक जमा करके फंड ट्रांसफर किया जा सकता है।  ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट के मामले में, ट्रांसफर के पेमेंट गेटवे या एनईएफ़टी/आरटीजीएस/आईएमपीएस (NEFT/RTGS/IMPS)  मोड का उपयोग करना आवश्यक है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऑफलाइन ट्रांसफर के मामले में, चेक को ब्रोकर के पक्ष में बनाया जाना चाहिए. इस प्रक्रिया में 2-3 दिन लगते हैं और ब्रोकर को क्रेडिट मिलने के बाद ही चेक या डिमांड ड्राफ्ट क्रेडिट मंजूर किया जाता ह। चेक पर हस्ताक्षर करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके अकाउंट फंड  है अन्यथा उनमें दंड शुल्क लग सकता है.

डीमैट अकाउंट से बैंक अकाउंट कैसे लिंक करें?

जब डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट के साथ बैंक अकाउंट लिंक करने की बात आती है, तो यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हो सकता है  मूल प्रक्रिया  समान हो, लेकिन कुछ ऐसे विवरण होते हैं जो एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग-अलग हो सकते हैं।  एक प्राइमरी अकाउंट और दो सेकेंडरी अकाउंट को लिंक करना संभव है. सभी भुगतान प्रोसेस करने के लिए प्राथमिक अकाउंट का उपयोग किया जाएगा.सेकेंडरी अकाउंट का उपयोग भुगतान प्राप्ति  को प्रोसेस करने के लिए किया जा सकता है. डीमैट अकाउंट से बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए,  किसी को निम्नलिखित चरणों की आवश्यकता होती है:

चरण 1 – बैंक की वेबसाइट पर जाएं जहां अकाउंट होल्ड किया जाता है। प्रोसेस शुरू करने के लिए आवश्यक फॉर्म भरें.

चरण 2 – कुछ मामलों में, भरे गए फॉर्म का प्रिंट लेना और बैंक द्वारा प्रदान किए गए एड्रेस पर, जहां अकाउंट होल्ड किया जाता है, भेजना आवश्यक हो सकता है। 

चरण 3 – सेकेंडरी अकाउंट जोड़ने के लिए, सेकेंडरी बैंक अकाउंट का अतिरिक्त प्रमाण आवश्यक है. कैंसल और पर्सनलाइज़्ड चेक (चेक पर प्रिंट किया गया नाम), बैंक पासबुक स्टेटमेंट या स्व-प्रमाणित बैंक स्टेटमेंट (आईएफ़सीसीIFSC कोड/एमआईसीआरMICR) नंबर सहित) सभी को प्रमाण के डॉक्यूमेंट के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है.

हालांकि, आजकल, लगभग हर ब्रोकर यह सुनिश्चित करता है कि डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट से लिंक है।

अगर कोई अपने होल्डिंग के विवरण  के प्रति सावधान है, तो एक डीमैट अकाउंट से दूसरे डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करना एक निर्बाध प्रक्रिया है।  अकाउंट के बीच शेयर ट्रांसफर करते समय, किसी को ट्रांसफर के उद्देश्य का स्पष्ट उल्लेख करना होता है।  अगर उसी व्यक्ति द्वारा धारित अकाउंट के बीच ट्रांसफर किया जाता है, तो उद्देश्य महत्व का विषय  नहीं हो सकता है. हालांकि, अगर शेयर किसी अलग व्यक्ति को ट्रांसफर किए जा रहे हैं, तो इसे वास्तविक गिफ्ट डीड द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए। पिता से बेटा या पति से पत्नी जैसे अधिकांश ट्रांसफर के मामले में पूंजीगत लाभ की गणना खरीद की मूल तिथि से की जाएगी.

निष्कर्ष

अब जब आपके पास ब्रोकर के बीच शेयर के आदान प्रदान की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण है, तो इसमें कूदने  से पहले अपने नए स्टॉकब्रोकर को रिसर्च करना सुनिश्चित करें। अच्छा ब्रोकर होने से ऑनलाइन ट्रेडिंग में बहुत अंतर हो सकता है. आप एंजल वन के साथ ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए परेशानी मुक्त डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं जो कम ब्रोकरेज की विशेषताएं और शुल्क प्रदान करता है।