डिमटेरियलाइजेशन और रिमटेरियलाइजेशन के बीच फर्क

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by Angel One

डिमटेरियलाइजेशन: शेयर्स और डिबेंचर के प्रत्यक्ष सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में बदलने की प्रक्रिया है| सभी भौतिक सर्टिफिकेट डीमैट रूप में हों तो शेयर्स और सिक्युरिटीज में निवेश का प्रबंधन करना आसान हो जाता है। इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड अनुपलब्ध होने पर बड़े पैमाने पर होनेवाली जालसाजी और धोखाधड़ी की संभावनाओं को यह कम करता है। डीमटेरियलाइजेशन के मामले में, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड डिपॉजिटरी में स्टोर किए जाते हैं। भारत में, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) अधिकृत डिपॉजिटरी हैं।

रिमटेरियलाइजेशन: निवेशक सिक्युरिटीज और डिबेंचर सर्टिफिकेट के डीमटेरियलाइज़ेशन के बाद भी अपने शेयरों को रिमटेरियलाइज़ करने का मतलब उन्हें फिर से भौतिक (प्रत्यक्ष) रूप में बदलने का विकल्प चुन सकता है| निवेशक अपने केवल 1 या 2 शेयरों वाले डीमैट अकाउंट पर मेंटेनेंस शुल्क से बचने के लिए अपने शेयर को रिमटेरियलाइज करने का विकल्प चुनते हैं| रिमटेरियलाइजेशन डिमटेरियलाइज़्ड सभी सिक्युरिटीज को भौतिक (प्रत्यक्ष) सर्टिफिकेट में वापस बदलने की प्रक्रिया है|

इसके लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) से संपर्क करना होगा और आपको रीमैट रिक्वेस्ट फॉर्म (आरआरएफ) भरना होगा ।

तुलनात्मक मापदंड डिमटेरियलाइजेशन रिमटेरियलाइजेशन
परिभाषा / आशय शेयर्स और डिबेंचर के प्रत्यक्ष प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में बदलने की प्रक्रिया शेयर के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को फिजिकल (पेपर) फॉर्मेट में बदलने की प्रक्रिया 
शेयर्स की पहचान डीमटेरियलाइज्ड शेयर्स की कोई विशेष नंबर नहीं होते है| उनके पास आरटीए (RTA) द्वारा जारी किए गए विशेष नंबर होते हैं|
ट्रांजैक्शन मोड सभी लेन-देन इलेक्ट्रॉनिक रूप से ही किए जाते हैं| रीमटेरियलाइजेशन के बाद सभी लेन-देन प्रत्यक्ष रूप से होते हैं|
अकाउंट मेंटेनेंस प्राधिकरण  अकाउंट मेंटेनेंस के लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (NSDL या CDSL) जिम्मेदार है| अकाउंट मेंटेनेंस कंपनी की जिम्मेदारी है|
मेंटेनेंस / रखरखाव लागत मेंटेनेंस के लिए वार्षिक शुल्क 500 रुपये से 1000 रुपये के बीच होता है| भौतिक (प्रत्यक्ष) प्रमाणपत्रों के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज आवश्यक नहीं है|
सुरक्षा डिजिटल फॉर्म के खतरे कम हैं| चोरी, जालसाजी और धोखाधड़ी का खतरा भौतिक (प्रत्यक्ष) कागजी कार्यों में अधिक है|
चुनौतियां / बाधा  डिमटेरियलाइजेशन एक सरल एवं आसान प्रक्रिया है। यह शेयर ट्रेडिंग का सर्वव्यापक हिस्सा है; लगभग हर निवेशक ने एक बार इसका अनुभव किया है| रीमटेरियलाइजेशन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें काफी समय लगता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर एक लंबी खींची जाती है और इसके लिए विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता हो सकती है|

डीमटेरियलाइजेशन और रीमटेरियलाइजेशन प्रक्रियाएं एक दूसरे के विपरीत हैं। सरल शब्दों में, रीमटेरियलाइजेशन डीमटेरियलाइजेशन के प्रभावों को उलट देता है।

शेयर्स और सिक्युरिटीज के डीमटेरियलाइजेशन के विस्तृत मार्गदर्शक चरण

किसी भी भौतिक (प्रत्यक्ष)  शेयर या डिबेंचर सर्टिफिकेट को डीमटेरियलाइज करने मतलब इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने के लिए, आपको डीमटेरियलाइजेशन रिक्वेस्ट फॉर्म (डीआरएफ) की आवश्यकता होती है।

  1. डीमैट खाते से शुरू होने वाली यह सरल और व्यापक प्रक्रिया है। आपको एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) की जरूरत है जो डीमैट सेवाएं प्रदान करता हो|
  2. डीआरएफ भरें और शेयर सर्टिफिकेट के साथ जमा करें। प्रत्येक सर्टिफिकेट पर ” डीमटेरियलाइजेशन के लिए सरेंडर” का उल्लेख करें|
  3. डीपी को शेयर सर्टिफिकेट के साथ डिपॉजिटरी, रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट को रिक्वेस्ट भेजनी होगी।
  4. रजिस्ट्रार प्रक्रिया की स्थिति के बारे में डीपी को सूचित करता है|
  5. पुष्टि होने पर, शेयर्स का क्रेडिट निवेशक के खाते में दिखाई देता है|
  6. 15 से 30 दिनों का समय इलेक्ट्रॉनिक शेयर ट्रांसफर में लग सकता है|

 

शेयर्स और सिक्युरिटीज के रीमटेरियलाइजेशन के विस्तृत मार्गदर्शक चरण 

पारंपरिक रूप में डीमैटरियलाइज्ड सिक्योरिटीज प्राप्त करने के लिए, आपको रीमैट रिक्वेस्ट  फॉर्म (आरआरएफ) प्राप्त करने की आवश्यकता है। रीमटेरियलाइजेशन प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण यहां दिया गया है-

  1. ग्राहक को डीपी के पास आरआरएफ जमा करना होगा|
  2. डीपी फॉर्म के साथ डिपॉजिटरी के पास पहुंचता है। डिपॉजिटरी रजिस्ट्रार को रिक्वेस्ट भेजता है|
  3. डीपी इस फॉर्म को रजिस्ट्रार को भेजता है|
  4. रजिस्ट्रार नए सर्टिफिकेट प्रिंट करता है और उन्हें निवेशकों को भेजता है|
  5. जब रजिस्ट्रार डिपॉजिटरी को रीमैट रिक्वेस्ट की पुष्टि करता है, तो निवेशक को डीपी के खाते में नए सर्टिफिकेट प्राप्त होते हैं।
  6. रीमटेरियलाइजेशन में 30 दिन तक लग सकते हैं|

डीमटेरियलाइज्ड सिक्योरिटीज को कैसे बेचा और खरीदा जाता है?

डीमटेरियलाइज्ड सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया वास्तव में भौतिक (प्रत्यक्ष) सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया के समान ही है। यहां खरीद और बिक्री की प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण दिया गया है|

डीमटेरियलाइज्ड सिक्योरिटीज खरीदना

  1. लेन-देन के लिए भरोसेमंद और अनुभवी ब्रोकर की तलाश करें
  2. यदि आप खरीद रहे हैं, तो ब्रोकर उसी दिन अपने खाते में खरीदी गई सिक्युरिटीज को प्राप्त करेगा।
  3. खाते को डेबिट करके निवेशक के खाते को क्रेडिट करने के लिये ब्रोकर डीपी के पास जाता है|
  4. यदि खाता खोलते समय कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी जाती है तो निवेशक को डीपी को क्रेडिट प्राप्त करने के लिए प्राप्ति निर्देश भेजना चाहिए।

डीमटेरियलाइज्ड सिक्युरिटीज बेचना

  1. आप एनएसडीएल(NSDL) से संबद्ध किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में ब्रोकर के माध्यम से बिक्री करना चुन सकते हैं|
  2. बीओ (BO) खाते को डेबिट करने और ब्रोकर के खाते को क्रेडिट करने के निर्देश डीपी को मिलने चाहिए|
  3. ब्रोकर को क्लियरिंग कॉर्पोरेशन को डिलीवरी के लिए निर्देश पर्ची के माध्यम से डीपी को सूचित करना चाहिए।
  4. ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज से पेमेंट प्राप्त करता है, जबकि विक्रेता सिक्युरिटीज की बिक्री से पेमेंट प्राप्त करता है।

डीमटेरियलाइजेशन ने लेन-देन को पहले से कहीं ज्यादा आसान, सुविधाजनक और सुरक्षित बना दिया है। इसने कई छोटे निवेशकों और नए व्यापारियों के लिए शेयर बाजार के दरवाजे खोलकर धोखाधड़ी और जालसाजी के जोखिम को कम कर दिया है।